जोशीमठ का मामला पहुंचा उत्तराखंड हाई कोर्ट की दहलीज पर….बार एसोसिएशन ने प्रस्ताव पास कर भेजा चीफ जस्टिस को पत्र…धार्मिक महत्व समेटे शहर के साथ जानमाल बचने की मांग..कमेटी का भी हो गठन.

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नैनीताल – जोशीमठ में आपदा का मामला हाई कोर्ट की दहलीज पर पहुंच गया है। उत्तराखंड हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस को पत्र दिया है और इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई की मांग की है। बार एसोसिएशन ने बैठक कर मांग की है कि जोशीमठ धार्मिक आस्था का केंद्र है और वहां लोग परेशान हैं। टीवी अखबारों में बच्चों के साथ हर व्यक्ति रो रहा है लेकिन सरकार त्वरित मदद देने में नाकाम हैं। हाई कोर्ट के अधिवक्ताओं ने कहा कि अधिवक्ता समाज की समाज के प्रति जिम्मेदारी है जिसके लिए वो आगे आये हैं। पत्र में कहा गया है कि पहले भी कोर्ट ने महत्वपूर्ण मामलों के संज्ञान लिया है और अब भी कोर्ट संज्ञान इस मामले का लें और एक मॉनिटरिंग कमेटी का गठन हो लोगों को बचाया जाए।
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष प्रभाकर जोशी ने कहा कि अधिवक्ता समाज लगातार समाज के लिय लड़ता है इस लिए बैठक में प्रस्ताव पास कर चीफ जस्टिस को पत्र दे रहे हैं ताकि जानमाल के साथ धार्मिक आस्था वाले शहर को बचाया जा सके। वहीं बार एसोसिएशन सचिव विकास बहुगुणा ने कहा कि की जो स्थिति जोशीमठ की है और जो तस्वीरें मीडिया में आ रही हैं वो दुःखद हैं अपने लोगों को बचाने का कर्तव्य अधिवक्ता समाज का भी है और सरकार तत्काल इनको मदद दे इसका आग्रह चीफ जस्टिस से किया जा रहा है जिस पर जल्द कुछ होगा।