जलवायु परिवर्तन के लिए सामरिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन पर एक संगोष्ठी का आयोजन

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@Y 20 के अंतर्गत कुमाऊं विश्वविद्यालय, द्वारा जलवायु परिवर्तन के लिए सामरिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन पर एक संगोष्ठी का आयोजन….

….जलवायु परिवर्तन के लिए सामरिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया…..

…..Y 20 जी 20 देशों के युवा लोगों से बना है जो G20 द्वारा की गई चर्चाओं और निर्णयों में युवाओं की आवाज़ और दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करने के लिए मिलकर काम करते हैं.. 

रिपोर्ट–(सुनील भारती) “स्टार खबर” नैनीताल

 

 

 

 

 

 

नैनीताल —Y 20 के अंतर्गत कुमाऊं विश्वविद्यालय, द्वारा जलवायु परिवर्तन के लिए सामरिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में आईएमडी के पूर्व महानिदेशक आनंद शर्मा ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और इस वैश्विक चुनौती से निपटने के लिए रणनीतिक ज्ञान की आवश्यकता पर अपनी अपने विचार लोगों के समक्ष रखे। उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन के लिए सामरिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के मुद्दों को संबोधित करने और इसके प्रभावों को कम करने के लिए उचित रणनीति विकसित करने के लिए एक राष्ट्रीय ज्ञान मंच तैयार करना है। भारत के हिमालय क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव तेजी से दिखाई दे रहे हैं। मौसम में हो रहे परिवर्तन , बढ़ते तापमान की घटनाएं कृषि के लिए , पानी की उपलब्धता और प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र को प्रभावित कर रही हैं। हिमालय क्षेत्र, जो भारत के बड़े हिस्से को पानी उपलब्ध कराने के लिए महत्वपूर्ण है, ग्लेशियरों के पिघलने और मानसून में हो रहे परिवर्तन के प्रभाव का भी सामना कर रहा है। , क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए बड़े पैमाने पर अनुसंधान व कार्य करने की आवश्यकता ब है। विशेषज्ञ और नीति निर्माता इन मुद्दों पर चर्चा करके और विभिन्न मंचों और सम्मेलनों में इन परिस्थितियों का समाधान तलाशने के लिए एक साथ आ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन पृथ्वी की जलवायु में दीर्घकालिक परिवर्तन को प्रभावित करता है, जिसमें तापमान, वर्षा और मौसम में हो रहे परिवर्तन शामिल हैं, जो मानवीय गतिविधियों जैसे वनों से पेड़ों को ईधन के उपयोग , वनों का कटान और औद्योगिक प्रदूषण के कारण होते हैं। भारत में, जलवायु परिवर्तन का कृषि, जल संसाधनों, तटीय क्षेत्रों और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।
उन्होंने युवाओं से कहा कि वायुमंडल में फेल रहे कार्बन को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा, वनीकरण और जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देने वाली कई योजनाओं का समर्थन और भागीदारी भी कर सकते हैं। जलवायु परिवर्तन की तात्कालिकता और गंभीरता और इससे निपटने के लिए एकसाथ मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है ।यह सेमिनार कुमाऊं क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के लिए सामरिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन के उद्देश्यों को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए राष्ट्रीय और वैश्विक प्रयासों में योगदान देगा। इस कार्यक्रम के
आयोजन सचिव डॉ. रीतेश साह ने मुख्य वक्ता और प्रतिभागियों का स्वागत किया और बताया कि G 20 एक विश्व स्तरीय संगठन है जो 19 देशों और यूरोपीय संघ को शामिल करता है। इसका उद्देश्य विश्व अर्थव्यवस्था और वित्तीय बाजारों को संचालित करना है और दुनिया की सर्वाधिक आर्थिक ताकतों को एकत्रित करना है। इसके सदस्य देश विश्व के कुल जीडीपी का 80% व आबादी का 60% बनाते हैं। G20 अर्थव्यवस्था के संदर्भ में समूह के अंतर्गत विश्व के विभिन्न क्षेत्रों के अध्यायों के लिए नीति निर्धारित करता है। G 20 एक आर्थिक गठबंधन है ।इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में आर्थिक सहयोग बढ़ाना, विकास बढ़ाना, वैश्विक आर्थिक गतिविधियों के निर्देशन करना और आर्थिक संकटों का सामना करना है। भारत एक गोल्डन मेंबर के रूप में G 20 का हिस्सा है जो कि अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण देशों का समूह है। भारत G 20 के सदस्य देशों के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। भारत का उद्देश्य गरीबी उन्मूलन, स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों को बढ़ावा देना, वैश्विक आर्थिक विकास में योगदान देना और सार्वजनिक नीतियों के माध्यम से समानता बढ़ाना है।
Y 20 एक युवा समूह है जो G 20 के साथ मिलकर काम करता है, जो दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। Y 20 जी 20 देशों के युवा लोगों से बना है जो G20 द्वारा की गई चर्चाओं और निर्णयों में युवाओं की आवाज़ और दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करने के लिए मिलकर काम करते हैं। Y20 आर्थिक विकास, सामाजिक न्याय, जलवायु परिवर्तन और शिक्षा सहित वैश्विक विकास से संबंधित कई विषयों पर केंद्रित है। समूह आम तौर पर नीतिगत सिफारिशें तैयार करता है और उन्हें G 20 नेताओं के विचारार्थ प्रस्तुत करता है।जलवायु परिवर्तन के लिए सामरिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन का उद्देश्य जलवायु विज्ञान और सतत विकास में ज्ञान की कमी को दूर करना है। कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के लिए की प्रासंगिकता और चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए एक संगोष्ठी आयोजित किया गया है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय नैनीताल के कुलपति प्रो. मनमोहन सिंह चौहान और कुलसचिव दिनेश चंद्रा द्वारा कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल द्वारा जलवायु परिवर्तन के लिए रणनीतिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन पर आयोजित Y20 संगोष्ठी के प्रतिभागियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं।संगोष्ठी में डॉ. बी.एस. कालाकोटी, डॉ. विक्रम वीर भारती, शोध छात्र किशोर कुमार, पूनम गोस्वामी, जितेंद्र, दीप्ति थापा सहित विभिन्न क्षेत्रों के 150 से अधिक शोधकर्ताओं, छात्रों और विशेषज्ञों ने भाग लिया ।