नैनीताल। सीसी.आर.ए.एस रानीखेत में एथेनाबोटनी एवं आयुर्वेद विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार में कुमाऊं विश्वविधालय के निदेशक विजिटिंग प्रोफेसर तथा विभागाध्यक्ष वनस्पति प्रॉफ ललित तिवारी ने मेडिसिनल प्लांट्स इन आयुर्वेद एवं इथेनॉबोटेनी विषय में व्याख्यान दिया । डॉ तिवारी ने कहा के आयुर्वेद में 2000तथा एथेनाबोटनी में 7000 पादप प्रजातियों का प्रयोग मिलता है । आयुर्वेद भारतीय संस्कृति का द्योतक तथा 5000 वर्षों से उपयोग में है। डॉ तिवारी ने आयुर्वेद तथा एथेनाबोटनी पादप प्रजातियों का उल्लेख किया।उन्होंने ने कहा कि 2050तक मेडिसिनल प्लांट का कारोबार 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है जो प्रतिवर्ष 7 प्रतिशत की ग्रोथ दिखाता है। उन्होंने यह भी कहा कि ये सेक्टर जॉब देने में भी माकूल है, जिसके लिए पॉलिसी बनाना जरूरी है ।पूर्व निदेशक डॉ शेर सिंह सामंत ने कहा कि जैव विविधता दोनों के लिए महत्वपूर्ण है,उन्होंने चवन परास, एलोवेरा ,गिलोय पर व्यापक प्रकाश डाला । डॉ. मधु दीक्षित ने ड्रग डिस्कवरी पर व्याख्यान दिया । वही कार्यक्रम में संस्थान प्रभारी डॉ ओमप्रकाश ने सभी का स्वागत किया ,एवं डॉ दीपशिखा ने सेमिनार की रूपरेखा प्रस्तुत की । इस अवसर पर डॉ.तरुण,डॉ. रितिक,डॉ.नवीन पांडे , डॉ. हिमानी कार्की ,विशाल ,लता, स्वाति,ललित नयाल, आयुर्वेद डॉक्टर एवं शोध छात्र उपस्थित रहे । प्रॉफ ललित तिवारी , डॉ. शेर सिंह सामंत ,डॉ.जी.सी जोशी ,डॉ मधु दीक्षित को शॉल उड़ाकर एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
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