नैनीताल में सरकारी जमीन कब्जाने वालों को हाईकोर्ट से नहीं राहत..कोर्ट ने खारिज की याचिका….नितिन कार्की ने कहा की का निर्णय एकदम सही बाहरी लोग छोड़ें सरकारी जमीन..

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नैनीताल – नैनीताल में बाहरी लोगों पर प्रशासन सख्त हो रहा है तो हाईकोर्ट से भी इन लोगों को कोई राहत नहीं मिल रही है। 5 मई को घोडा स्टेंड़ पर की गई अतिक्रमण के बाद हाईकोर्ट ने भी अतिक्रमणकारी की याचिका को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने कहा कि ऐसे मामलों में कोई जरुर नहीं की उनको कार्रवाई से पहले नोटिस दिया जाए। हांलाकि अब वकील इस मामले में अपील की तैयारी कर रहे हैं। उधर हाईकोर्ट के संज्ञान लेने पर मैट्रोपोल मामले में भी एक याचिका कोर्ट में दाखिल हुई है जिस पर मंगलवार या बुद्ध बार को सुनवाई संभव है। जिसमें कहा गया है कि उनको शत्रु संपत्ति से बेदखल ना किया जाए।

बाहरी लोगों पर कार्रवाई पर कोर्ट से भी नहीं राहत…

दरअसल कमिश्नर के दौरे के बाद जिला प्रशासन ने मुनादी कर 5 मई को अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाया था जिसमें कई लोगों के अवैध मकान दुकानों को प्रशासन ने सरकारी जमीनों से हटा दिया..अतिक्रमण पर हुई कार्रवाई के बाद मोहम्मद अब्दुल ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि वो अपने दादा के जमाने से नैनीताल रह रहे हैं और 20 सालों से घोड़ा स्टेंट के पास चाय की दुकान चला रहे हैं लेकिन उन पर बिना कोई नोटिस के कार्रवाई कर दी गई जब्कि सिर्फ कमिश्नर के दौरे के बाद ऐसा करना गलत था। याचिका में कहा गया कि उनको बिना सुने और बिना नोटिस के कार्रवाई की गई गलत है। याचिका में वकील नितिन कार्की का पत्र दिखाते हुए कहा गया कि उनको रोहिंग्या और बंग्लादेशी कहा जा रहा है लेकिन वो कई सालों से यहीं पर हैं.. हांलाकि इस मामले पर हाईकोर्ट ने मोहम्मद अब्दुल की याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि ऐसे मामलों में नोटिस देने की जरुरत नहीं है कार्रवाही उचित है। इस मामले के वकील कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कहा कि एकलपीठ में याचिका खारिज होने के बाद डबल बेंच में याचिका दाखिल की जायेगी। वहीं वकील नितिन कार्की ने कहा कि की हाईकोर्ट को एकदम सही निर्णय है और जो लोग नैनीताल आकर सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर रहे हैं उनको खुद ही अवैध कब्जों को खुद छोड़ना चाहिये…

मैट्रोपोल मामले में भी अतिक्रमकारी हाईकोर्ट की है शरण में….

नैनीताल में शत्रुसंपत्ति में बाहरी लोगों द्वारा कब्जे के मामले में भी अतिक्रमणकारियों में खलबली मची है। अतिक्रमणकारी हाईकोर्ट की सरण में हैं। वकील कार्तिकेय हरि गुप्ता ने बताया कि मोहम्मद फारुख के नाम से हाईकोर्ट में याचिका को दाखिल किया गया है जिसमें भी इन्ही बातों का जिक्र किया गया है कि उनको बंग्लादेशी और रोहिंग्या कहा जा रहा है। लेकिन इस याचिका में भी ये नहीं कहा गया है कि उन्हौने सरकारी जमीन पर कब्जा किया है। याचिका में कहा गया है की उन पर अगर कार्रवाई हो तो कानूनी प्रक्रिया का पूरा पालन हो..वहीं इस मामले में वकील कार्तिकेय हरि गुप्ता का कहना है कि कोर्ट के सामने इस मामले से सभी पहलुओ को रखा जायेगा जिस पर पीआईएल डे के दिन सुनवाई हो सकती है।